उत्तराखंड

कुमाऊं के प्रसिद्ध गायक प्रहलाद मेहरा का निधन, संगीत जगत में शोक की लहर

हल्द्वानी/ आजा मेरा दानपुरा हिसोली काफल खा जाया मेरा दानपुरा गीत से मशहूर हुए उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के रहने वाले प्रहलाद मेहरा ने हल्द्वानी में अंतिम सांस ली, प्रहलाद मेहरा का निधन दिल का दौरा पड़ने से बताया जा रहा है, 4 जनवरी 1971 में पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील के चामी भेसकोट में एक राजपूत परिवार में प्रहलाद दा का जन्म हुआ था। मात्र 54 वर्ष की आयु में प्रहलाद दा ने अंतिम सांस ली, इस खबर से सारा उत्तराखंड का संगीत कला जगत में शोक की लहर है। प्रहलाद दा ठेठ पहाड़ी थे, उनका पहाड़ी अंदाज़ लोगो को बहुत पसंद आता था, उनके गाए गानों में पहाड़ की टोन और ठेठ पहाड़ का अंदाज झलकता था, नेवली गाने में उनका कोई जवाब नही था, उनकी आवाज में मजबूत बेस था।

प्रहलाद दा को गाने का शौक बचपन से ही था, उन्होंने उत्तराखंड की बोली भाषा के लिए बहुत काम किया, उन्होंने देश के कोने कोने में प्रोग्राम करे, दूरदर्शन के लिए और आकाशवाणी के लिए भी कई गीतों की प्रस्तुति दी, उनके गाए गानों पर अभी और काम होना था, मगर विधाता को कुछ और मंजूर था। न जाने किसकी नजर लग रही है , हमारे उम्दा कलाकारों को, यह दुःखद खबर सुनकर हर संगीत प्रेमी क्षुब्ध है। लोक रैबार की ओर से प्रहलाद दा को विनम्र श्रद्धांजलि, आपकी गाए गीत हमेशा अमर रहेंगे।

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