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Toll Tax News: साल में 200 ट्रिप का क्या है मतलब? दिल्‍ली से लखनऊ कितने ट्रिप माने जाएंगे, यहां समझें पूरा गणित

Toll Tax News new rules: 3000 हजार रुपये फास्‍टैग पास लिजिए देशभर में 200 यात्राएं (ट्रिप) बिल्‍कुल फ्री. लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि एक ट्रिप किसे कहा जा रहा है. अगर कोई व्‍यक्ति गाड़ी से दिल्‍ली से लखनऊ एक्‍सप्रेसवे से जाता है और वापस आता है, तो टोल प्‍लाजा में कितने ट्रिप काउंट किए जाएंगे?

नई दिल्‍ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक पोस्‍ट ने हाईवे पर सफर करने वालों की बल्‍ले-बल्‍ले कर दी है. रोज रोज या महीने में टोल टैक्‍स से चुकाने से आजादी मिलने जा रही है. साल में एक बार 3000 हजार रुपये फास्‍टैग पास लीजिए और देशभर में 200 यात्राएं (ट्रिप) बिल्‍कुल फ्री. लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि एक ट्रिप किसे कहा जा रहा है. अगर कोई व्‍यक्ति गाड़ी से दिल्‍ली से लखनऊ एक्‍सप्रेसवे से जाता है और वापस आता है, तो टोल प्‍लाजा में कितने ट्रिप काउंट किए जाएंगे? आइए जानते हैं.

रोजाना सफर करने वालों को फायदा.

सामान्‍य तौर पर जो व्‍यक्ति गाड़ी से लखनऊ जाता है वो इस यात्रा को एक ट्रिप बोलता है और इस तरह दिल्‍ली से लखनऊ जाना और आना दो ट्रिप बोला जाता है, तो क्‍या 3000 हजार रुपये के फास्‍टैग पास में इस तरह के 200 ट्रिप शामिल होंगे.

क्‍या है 200 ट्रिप का मतलब यहां जानें

सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार 3000 रुपये में एक साल में 200 ट्रिप जो पहले होगा, उसे माना जाएगा. उदाहरण के लिए कोई वाहन चालक फास्‍टैग पास लेकर दिल्‍ली से जयपुर जाता है. उस हाईवे में जयपुर पहुंचने पर सात टोल प्‍लाजा पड़ते हैं, सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश के अनुसार इसे सात ट्रिप माना जाएगा. अगर वो वापस इसी रूट से आता है तो उसके 14 ट्रिप काउंट होंंगे. 200 ट्रिप में से 14 ट्रिप कम होकर 186 ट्रिप ही शेष रह जाएंगे.

क्‍या टोल प्‍लाजा के बीच की दूरी मायने रखेगी?

इस फास्‍टैग पास में टोल प्‍लाजा के बीच की दूरी मायने नहीं रखेगी. चाहे टोल प्‍लाजा 50 किमी. के गैप में हो या 100 किमी. के गैप में हो. दो ट्रिप ही मानी जाएंगी. यानी इसका उन टोल में ज्‍यादा फायदा मिलेगा, जहां लंबी लंबी दूरी के गैप में टोल प्लाजा बने होंगे.

क्‍या यह आदेश देशभर के टोल प्‍लाजा कर लागू होगा?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का आदेश देशभर के टोल प्‍लाजा में लागू नहीं होगा. केवल एनएचएआई के टोल प्‍लाजा में लागू होगा. उदाहरण के लिए दिल्‍ली आगरा के यमुना एक्‍सप्रेसवे या आगरा से लखनऊ के ताज एक्‍सप्रेस में यह आदेश लागू नहीं होगा. वहां पर पहले जैसे ही टोल चुकाना होगा. भले ही इन टोल प्‍लाजा में फास्‍टैग से टोल चुका रहे हों.

पास बड़े वाहनों के लिए नहीं है

यह पास सिर्फ निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन) के लिए है और देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना रुकावट यात्रा करने में मदद करेगा. बस और ट्रक जैसे बड़े वाहनों को पहले जैसे ही टोल चुकाना होगा.

15 रुपये औसतन प्रति टोल चुकाना होगा

एनएचएआई का टोल रेट अलग अलग टोल में अलग अलग हैं. कहीं पर 50 तो कहीं 100 तो कहीं इससे ज्‍यादा है. लेकिन साल में जो लोग 3000 रुपये का फास्‍टैग लेकर सफर करेंगे, उनको औसतन 15 रुपये प्रति टोल चुकाना होगा.

लंबी दूरी और रोजाना सफर वालों को फायदा

इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के एसपी सिंह का कहना है कि इसका फायदा लंबी दूरी और रोजाना हाईवे पर सफर करने वालों को होगा. खासकर बड़े शहरों को यह पास राहत देगा, क्‍योंकि दिल्‍ली, मुंबई, सिंकदराबाद समेत कई शहर ऐसे हैं, जहां से तीन चार हाईवे जरूर गुजरते हैं. इन शहरों के लोग काम के सिलसिले में रोजाना हाईवे से गुजरते हैं. ऐसे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा.

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