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कल पहले चरण का मतदान, नेपाल से लगती सारी सीमाएं सील; भारतीय बाजारों में पसरा सन्नाटा

उत्तराखंड में शुक्रवार को पहले चरण का मतदान होना है। ऐसे में ऐसे में नेपाल से लगती सीमाएं सील कर दी गई हैं। सीमाएं सील होने से भारतीय बाजारों में सन्नाटा पसरा है। टनकपुर और बनबसा नेपाल पर निर्भर हैं।

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है। ऐसे में नेपाल से लगती सीमाएं सील कर दी गई हैं। सीमाएं सील होने से भारतीय बाजारों में सन्नाटा पसर गया है। नेपाल पूर्णागिरि दर्शन को भी श्रद्धालुओं का आना बंद हो गया है। लोकसभा चुनाव और गेहूं कटाई के चलते यूपी के श्रद्धालु भी नहीं पहुंच रहे हैं। व्यापारियों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। कल यानि 19 अप्रैल को सुबह आठ बजे से मतदान शुरु हो जाएंगे। इससे पहले मंगलवार को सीमाएं सील कर दी गईं। इससे नेपाल पर निर्भर बनबसा टनकपुर के बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है।

नेपाल से हर रोज सैकड़ो की तादात में नेपाली ग्राहक सामान लेने टनकपुर और बनबसा पहुंचते थे। लेकिन सीमा सील होने से नेपाली को वाहनों के पहिए अगले दो दिन जाम रहेंगे। मंगलवार को पूर्णागिरि दर्शन को पहुंचे नेपाली श्रद्धालुओं ने बुधवार को वापस नेपाल जाने के लिए कोतवाली से पास बनाना पड़ा। बनबसा व्यापार मंडल अध्यक्ष भरत सिंह भंडारी और टनकपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष वैभव अग्रवाल ने बताया कि नेपाली ग्राहकों की वजह से ही टनकपुर-बनबसा का व्यापार चलता है। सीमा सील होने से व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि मतदान समाप्ति के बाद रौनक लौटेगी।

पूर्णागिरि धाम में भी बाहर से नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु

 

रामनवमी और सीमा सील होने के चलते पूर्णागिरि में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। प्राचीन धूनी स्थल में हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी ने बताया कि सीमा सील होने और रामनवमी के चलते श्रद्धालुओं की तादात में कमी आई है। बताया कि रामनवमी में पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए। दुर्गा माता की पूजा के बाद प्राचीन धूनी स्थल में चम्पावत के पुरोहित कुलदीप कुलेठा और छवि पांडेय ने हवन यज्ञ कर भंडारे का आयोजन किया। चुनाव के बाद श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। यहां पूरन चंद्र तिवारी, भीम दत्त पांडेय, नेत्र बल्लभ तिवारी, कृष्णा नंद पांडेय आदि रहे।

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