उत्तराखंड सरकार ने अहम फैसला लेते हुए चारों धामों में मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया हेतु रील बनाने या वीडियोग्राफी करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर चार धाम मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियो और रील बनाने पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान मोबाइल फोन ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
दरअसल वीडियो और रील्स बनाने पर प्रतिबंध का फैसला तब आया है जब कई पुजारियों और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि “ऐसी गतिविधियाँ पारंपरिक मानदंडों का उल्लंघन करती हैं.” राधा रतूड़ी ने संस्कृति एवं धार्मिक मामलों के सचिव को पत्र लिखकर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
वीआईपी दर्शन पर 31 मई तक रोक
इसके अलावा, चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध 31 मई तक बढ़ा दिया है ताकि सभी भक्त आसानी से चारों धामों के दर्शन कर सकें. उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को सूचित किया है कि तीर्थयात्रियों की अभूतपूर्व भीड़ को ध्यान में रखते हुए, 31 मई तक चार धाम में कोई वीआईपी दर्शन नहीं होगा उन्होंने कहा, “केवल पंजीकृत भक्तों को उनकी निर्दिष्ट तिथियों पर दर्शन की अनुमति दी जाएगी.”
उन्होंने कहा कि चैक पोस्ट पर बहुत सख्त चेकिंग की जाएगी और जो भी यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के आएगा उनको यात्रा पर आगे नहीं जाने दिया जाएगा, क्योंकि अवव्यस्था को रोकना है और व्यवस्था को सुगम तथा सुरक्षित बनाना है.
सीएम धामी का अधिकारियों को निर्देश
इस बीच, गुरुवार को सचिवालय में एक समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि यात्रा के लिए ऑफ़लाइन पंजीकरण अगले तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाएगा. उन्होंने राज्य के अधिकारियों और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को सुरक्षित एवं सुगम तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए जमीन पर मौजूद रहने का निर्देश दिया. सीएम धामी ने पुलिस महानिदेशक को चारों धामों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ यातायात और भीड़ प्रबंधन व्यवस्था का ग्राउंड पर जाकर निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया.