उत्तराखंडदेश-विदेशदेहरादूनराष्ट्रीयसामाजिक

Uttarkashi Disaster: 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि, हर्षिल में झील भी बनी चुनौती, खोजबीन और बचाव कार्य जारी

Uttarkashi Disaster: खीर गंगा का जल स्तर बढ़ने से बचाव व राहत कार्यों में लगीं टीमों के आवागमन के लिए बनाई गई संपर्क पुलिया बह गई। जिससे कुछ समय के लिए आवाजाही बाधित रही।

उत्तरकाशी जिले के धराली आपदा में प्रशासन ने 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि कर दी है। इसमें नेपाल मूल के 25 मजदूर भी शामिल हैं। आपदा के आठवें दिन मंगलवार को बचाव व राहत कार्य जारी रहा। लेकिन संचार सेवा बाधित होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का एक-दूसरे से संपर्क नहीं हो पाया।

खीर गंगा का जल स्तर बढ़ने से बचाव व राहत कार्यों में लगीं टीमों के आवागमन के लिए बनाई गई संपर्क पुलिया बह गई। जिससे कुछ समय के लिए आवाजाही बाधित रही। इसके अलावा लापता लोगों की जीपीआर प्रणाली से खोजबीन के लिए बनाए गए गड्ढों में पानी भर गया।

देहरादून से विशेषज्ञों की टीम भी आपदा क्षेत्र में अध्ययन के लिए नहीं जा सकी। इसके अलावा हर्षिल में भागीरथी में बनी झील भी चुनौती बनी हुई है, इससे पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग, यूजेवीएनएल ने मैन्युअली काम शुरू किया है, पर यह आसान नहीं लग रहा है।

लापता में 25 नेपाल मूल के मजदूर भी शामिल

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने सूची जारी की है, जिलके अनुसार धराली आपदा में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई और 68 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, इनमें 25 नेपाल मूल के मजदूर भी हैं। प्रशासन ने सोमवार को आपदा में 42 लोगों के लापता होने और एक व्यक्ति की मृत्यु होने की बात कही थी। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि नेपाल के श्रमिकों के नाम को लेकर कुछ दिक्कत थी, उसके दूर होने के बाद सूची बन गई है।

झील से पानी की निकासी का काम शुरू

भागीरथी में बनी झील से पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग ने नौ एई, जेई के साथ श्रमिकों की टीम भेजी है। यूजेवीएनएल की टीम भी पहुंची हुई है। मंगलवार को टीमों ने झील में चैनेलाइजेशन करने और फंसी हुई लकड़ी को काटकर हटाने का काम शुरू कर दिया है। सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि टीम मैन्युअली काम कर रही है लेकिन चुनौती बड़ी है। प्रयास है कि जो झील का मुहाना है उसे चौड़ा कर दिया जाए, जिससे की पानी की निकासी बढ़ सके। टीमों की सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ दो बोट के साथ हर्षिल झील में काम करने के लिए पहुंच गई है।

धराली-मुखबा झूला ब्रिज के बेस को मजबूत करने का काम करेगा लोनिवि

धराली-मुखबा का मुख्य झूला पुल की बुनियाद को मजबूत करने का काम लोक निर्माण विभाग करेगा। आर्मी इंजीनियर, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने झूला पुल का निरीक्षण भी किया है। इसमें पुल की तत्काल मरम्मत की जरूरत बताई गई है। वर्तमान में सुरक्षित रहते हुए एक-एक कर पार करने की सलाह दी गई है। वहीं, दबराणी से सोनगाड़ तक हर्षिल से धराली तक दो दिनों में बाधित मार्ग को लोनिवि के जरिये सुचारु करने का दावा किया है।

खोजबीन और बचाव कार्य जारी

आईजी एसडीआरएफ की अध्यक्षता में खोजबीन और बचाव कार्य जारी रहा। खीरगंगा का जल स्तर बढ़ने से टीमों के आवागमन के लिए पुलिया बनाई गई थी, वह बह गई थी, उसे दोबारा बनाया गया है। इसके अलावा गड्ढे खोज के लिए बनाए गए थे उनमें भरे पानी को खाली करने के साथ एसएआर ऑपरेशन शुरू किया गया। बता दें कि आपदा में घायल हुए दो लोग सेना अस्पताल व एक जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी और एक एम्स ऋषिकेश में भर्ती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button