संभल हिंसा में चौंकाने वाला दावा किया गया है। एसडीएम ने मस्जिद के अंदर हौज में भरा पानी निकलवाया तो बाहर खड़ी भीड़ को भ्रम हुआ कि बिना अनुमति मस्जिद की खोदाई शुरू करा दी गई है। लोगों ने जानकारी मांगी तो सीओ ने गोली मारने की धमकी दी। इसके बाद भीड़ उग्र हुई और बवाल हो गया। एसडीएम ने डीएम और एसपी के मना करने के बाद भी पानी निकलवाया। इसलिए एसडीएम और सीओ दोनों बवाल के जिम्मेदार हैं। यह आरोप जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने सोमवार को प्रेस वार्ता करते हुए लगाए।
जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने कहा कि सर्वे 19 नवंबर को पूरा हो गया था। रविवार को डीएम के आदेश पर सर्वे हुआ जो गलत था। मस्जिद की पैमाइश भी सर्वे में नहीं होनी चाहिए थी। इसके बाद भी पैमाइश की गई। कमेटी ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन मानने को तैयार नहीं हुआ। हौज का फव्वारा भी एसडीएम ने ही बंद कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके सामने भीड़ पर फायरिंग की। इस पूरे बवाल की जिम्मेदारी संभल एसडीएम वंदना मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी की है। जिनकी जान गई है, उन्हें इन्साफ मिलना चाहिए।
भीड़ से मैंने खुद कहा, चले जाओ
जामा मस्जिद कमेटी के सदर ने बताया है कि जब पुलिस को गोली चलाने के आदेश मिले तो वह भीड़ के पास पहुंचे। वहां जाकर बताया कि सब लोग चले जाओ, पुलिस लिस को गोली चलाने के आदेश मिल गए हैं। सदर का दावा है कि काफी संख्या में लोग वापस लौट गए थे। जो लोग बचे थे, उन पर गोली चलाई गई। जफर अली ने शहर के जनप्रतिनिधियों पर भी जमकर निशाना साधा। कहा कि सांसद, विधायक और चेयरमैन हमारी बात सही ढंग से नहीं रख रहे हैं। इसलिए हम अपने हक की बात कहने के लिए प्रेसवार्ता कर रहे हैं।
मुझे हिरासत में नहीं लिया गया, लेकिन भारी पुलिस फोर्स के साथ पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया गया था। अधिकारियों ने प्रेसवार्ता को लेकर सवाल किए। मैंने पुलिस प्रशासन पर जो आरोप लगाए हैं, उनके बारे में बातचीत की। मैं अपने बयान पर कायम हूं।– जफर अली, सदर, जामा मस्जिद संभल
जामा मस्जिद के सदर को हिरासत में नहीं लिया गया था। उनसे प्रेसवार्ता में भ्रमित करने वाले बयान देने को लेकर कोतवाली में पूछताछ की गई थी। सदर द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। उनके बयान में ही पूरा खंडन हो रहा है। वह बार-बार अपनी बात से पलटते दिखाई और सुनाई दे रहे हैं। – कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी
सपा सांसद और विधायक के बेटे समेत 2500 पर एफआईआर
संभल में बवाल के दूसरे दिन सोमवार को शांति के बीच पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल समेत 2500 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। बर्क और सुहेल पर बलवा कराने की साजिश का आरोप है। वहीं तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया। सीओ अनुज चौधरी, एसपी के पीआरओ संदीप कुमार, दरोगा दीपक राठी और शाह फैसल की तहरीर पर संभल कोतवाली में पांच और नखासा थाने में दो मुकदमे दर्ज किए गए। इसमें 2500 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को भेजा जेल
उधर, गिरफ्तार तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को लेकर मेडिकल परीक्षण कराने पुलिस संभल के सरकारी अस्पताल पहुंची। अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद मुरादाबाद जेल भेज दिया। बवाल के दूसरे दिन प्रभावित मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। दिनभर पुलिस की गाड़ियां दौड़ती रहीं। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते रहे। उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन से लिए गए फोटो व वीडियो खंगाल रही है।
बवाल में जान गंवाने वाले नईम, बिलाल और कैफ के शवों को पोस्टमार्टम के बाद रविवार देर शाम ही पुलिस ने अलग-अलग कब्रिस्तानों में सुपुर्द-ए-खाक करा दिया था। रोमान के परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम ही शव को दफन कर दिया। बता दें कि रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंचे तो मस्जिद के आसपास भीड़ एकत्र हो गई थी। सुबह करीब साढ़े आठ बजे पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया तो बवाल शुरू हो गया था। इसमें पांच लोगों की जान चली गई थी।
16 घंटे बाद घर पहुंचा अयान का शव
संभल बवाल में घायल कोट गर्वी निवासी अयान की इलाज के दाैरान रविवार रात 12 बजे टीएमयू में माैत हो गई थी। सोमवार को मुरादाबाद में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद शाम चार बजे के करीब अयान का शव संभल पहुंचा। रात में परिजनों ने सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।
आज शाम चार बजे तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवा
संभल में रविवार दोपहर से बंद इंटरनेट सेवा अभी बवाल नहीं हो सकी। डीएम के मुताबिक मंगलवार शाम चार बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
रविवार का बवाल रातोंरात की साजिश लगती है। इसकी जांच की जा रही है। जो भी इस बवाल का साजिशकर्ता है या इसमें शामिल रहा है। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी निर्दोष को डरने की जरूरत नहीं है।-डॉ. राजेंद्र पैंसिया, डीएम संभल
सांसद को नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी की। इसलिए उकसाने के मामले में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी संभल