उत्तराखंड के और दो शहरों में कूड़ा फैलाएगा उजियारा, बनेगी बिजली; 400 करोड़ रुपये आएगा खर्चा
Electricity From Garbage उत्तराखंड के दो और शहरों देहरादून और हरिद्वार में कूड़े से बिजली बनेगी। टीएचडीसी के सहयोग से बनने वाले इन संयंत्रों में प्रतिदिन लगभग 1500 मीट्रिक टन कचरे का इस्तेमाल होगा। इस परियोजना पर लगभग 400 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। वर्तमान में राज्य के दो शहरों रुद्रपुर और मसूरी में कचरे से बिजली उत्पादन का प्रयोग सफल रहा है।
देहरादून। Electricity From Garbage: उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों से प्रतिदिन निकलने वाले 1700 मीट्रिक टन से अधिक कचरे का न केवल निस्तारण होगा, बल्कि यह घरों को रोशन भी करेगा। इस कड़ी में टीएचडीसी के सहयोग से देहरादून और हरिद्वार में कूड़े से बिजली बनाने के सयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इस पर टीएचडीसी लगभग 400 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
इसे लेकर उच्च स्तर पर कसरत चल रही है और सुशासन दिवस पर 25 दिसंबर को शहरी विकास विभाग व टीएचडीसी के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हो सकता है। दोनों सयंत्रों में लगभग 1500 मीट्रिक टन कचरे की खपत होगी। कचरे की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आसपास के शहरों को भी इनसे जोड़ा जाएगा।
रुद्रपुर और मसूरी में कचरे से बिजली उत्पादन का प्रयोग सफल
वर्तमान में राज्य के दो शहरों रुद्रपुर और मसूरी में कचरे से बिजली उत्पादन का प्रयोग सफल रहा है। रुद्रपुर स्थित वेस्ट टू एनर्जी सयंत्र में अभी प्रतिदिन 30 टन कचरे का उपयोग हो रहा है, जिससे रोजाना छह किलोवाट बिजली उत्पादन के साथ ही जैविक खाद भी तैयार की जा रही है।
अब वेस्ट टू एनर्जी की मुहिम को गति देने जा रही सरकार
मसूरी में पीपीपी मोड में संचालित सयंत्र की क्षमता आठ टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की है। इससे बायोगैस तैयार रही है, जिससे जेनरेटर सेट चलाया जाता है। इन प्रयोगों की सफलता से उत्साहित सरकार अब वेस्ट टू एनर्जी की मुहिम को गति देने जा रही है।