
उत्तराखंड की नई मुख्य सचिव वरिष्ठ IAS अधिकारी राधा रतूड़ी को बनाया गया है। 1988 बैच की IAS राधा रतूड़ी को उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव बनने का गौरव भी मिला है। वह अभी तक अपर मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल रहीं थीं।
अपने लंबे प्रशासनिक करियर के दौरान रतूड़ी ने अविभाजित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं हैं।
छात्र जीवन से लिखने का शौक रखने वाली रतूड़ी ने पहले पत्रकारिता में हाथ आजमाया। 80 के दशक की शुरूआत में कॉलेज पत्रिका के संपादकीय बोर्ड में शामिल रहीं रतूड़ी दो साल तक इसकी संपादक भी रहीं। मुंबई से 1985 में इतिहास में स्नातक की उपाधि लेने के बाद रतूड़ी ने जन संचार का कोर्स किया और थोड़े समय के लिए ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार और ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका में काम किया।
राधा रतूड़ी उन चंद लोगों में से हैं जिन्होंने संघ लोकसेवा आयोग की तीन बार परीक्षा दी और तीनों बार ही सफल हुईं। पहली बार वह भारतीय सूचना सेवा के लिए चुनी गयीं और उन्हें दिल्ली में तैनाती मिली। उन्होंने 1987 में दूसरी बार फिर परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुनी गयीं।
प्रशिक्षण के लिए वह हैदराबाद गयीं जहां वह अपने पति अनिल रतूड़ी से मिलीं। अपने पिता के कहने पर 1988 में उन्होंने एक बार फिर परीक्षा दी और इस बार वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए उनका चयन हुआ। रतूड़ी मध्य प्रदेश कैडर की थीं, लेकिन शादी के बाद उन्होंने अपना कैडर बदलकर उत्तर प्रदेश कर लिया। उत्तराखंड में उनकी पहली पोस्टिंग टेहरी गढ़वाल में हुई थी। वह 10 वर्षों तक उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रहीं।
उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ जब पति और पत्नी दोनों शीर्ष पदों तक पहुंचे हों। उनके पति अनिल रतूड़ी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे हैं जो प्रदेश में पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालने के बाद नवंबर 2020 को सेवानिवृत्त हुए।
IAS राधा रतूड़ी देश की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव के बड़े उदाहरण स्थापित किए हैं और जो लोग बेटियों को कम आंकते हैं उन्हें दिखा दिया है कि महिलाएं सशक्त होकर पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन, हर क्षेत्र में कमाल कर सकती हैं।