Uttarakhand: वेडिंग डेस्टिनेशन बनकर उभर रहा ये मंदिर, हर महीने हो रही 100 शादियां, दुनिया भर से आ रहे जोड़े
Uttarakhand Triyuginarayan Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड की ब्रांडिंग कर चुके हैं। इसका असर त्रिजुगीनारायण मंदिर में दिख रहा है।
शिव-पार्वती का विवाह स्थल त्रिजुगीनारायण वैश्विक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। जहां देश विदेश से लोग सनातन परंपराओं के अनुसार विवाह करने के लिए पहुंच रहे हैं। शादियों के सीजन में यहां हर महीने 100 से अधिक शादियां हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड की ब्रांडिंग कर चुके हैं। इसका असर त्रिजुगीनारायण मंदिर में दिख रहा है। जहां लोग देश विदेश से डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हें। इससे होटल कारोबारियों से लेकर पंडा, पुजारियों, वेडिंग प्लानर, मांगल टीमों और ढोल दमौ वादकों समेत अन्य लोगों को काम मिल रहा है।
क्षेत्र की वेडिंग प्लानर रंजना रावत के मुताबिक 7 से 9 मई के बीच सिंगापुर में कार्यरत भारतीय मूल की डॉक्टर प्राची यहां शादी करने के लिए पहुंच रही है। इसके लिए उन्होंने जीएमवीएन टीआरएच बुक किया हुआ है। इस साल अप्रैल माह तक ही यहां करीब पांच सौ शादियां हो चुकी हैं। जबकि 2024 में कुल छह सौ शादियां ही हुई थी।
अब तक यहां इसरो के एक वैज्ञानिक, अभिनेत्री चित्रा शुक्ला, कविता कौशिक, निकिता शर्मा, गायक हंसराज रघुवंशी, यू-ट्यूबर आदर्श सुयाल, गढ़वाली लोक गायक सौरभ मैठाणी के साथ ही कई हस्तियां सात फेरे ले चुके हैं।
मंदिर के पुजारी सच्चिदानंद पंचपुरी ने बताया कि सनातन मतावलंबियों का विवाह वैदिक परंपराओं के अनुसार संपन्न होता है। इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। साथ ही माता-पिता या अभिभावकों की मौजूदगी में ही विवाह संपन्न होता है। उन्होंने बताया कि सात फेरों के लिए मंदिर परिसर में ही वेदी बनाई गई है, इसके बाद अखंड ज्योति के साथ पग फेरा लिया जाता है।
इसके अलावा अन्य सभी आयोजन, नजदीकी होटल और रिजॉर्ट में होते हैं। सीतापुर तक के होटल में अन्य विवाह समारोह भी स्थानीय पुजारियों द्वारा कराते हैं, इसके लिए दक्षिणा की दरें तय की गई हैं।
त्रिजुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि यहां भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। स्वयं भगवान विष्णु ने इस विवाह में देवी पार्वती के भाई (कन्यादानकर्ता) का कर्तव्य निभाया था। मंदिर प्रांगण में एक पवित्र अखंड अग्नि है। मान्यता है कि शिव पार्वती ने इसी अग्नि के सात फेरे लिए थे। मंदिर की बनावट केदारनाथ मंदिर से मिलती-जुलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद उत्तराखंड में देश विदेश के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता दे रही है।
–पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री