उत्तराखंड

Almora News: भिकियासैंण में रामगंगा में डूबने से काशीपुर के युवक की मौत

भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक में दाखिला लेने के लिए काशीपुर से द्वाराहाट पहुंचे युवक की भिकियासैंण में रामगंगा नदी में डूबने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को काशीपुर भेज दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि काशीपुर की सैनिक कॉलोनी निवासी विशाल बडौला (21) पुत्र चंद्र प्रकाश और उसके साथी रोहन नेगी (23) का बीटेक के लिए द्वाराहाट इंजीनियरिंग कॉलेज में चयन हुआ था। रविवार को वह अपने साथी और उसके पिता संजय पाल सिंह नेगी के साथ द्वाराहाट पहुंचा। तीनों घूमने के लिए भिकियासैंण पहुंचे और गर्मी अधिक होने पर उन्होंने रामगंगा नदी में नहाने का मन बनाया। जैसे ही विशाल नदी में उतरा तो वह भंवर में फंस गया। साथी और उसके पिता ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। चीखपुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उसे किसी तरह नदी से निकालकर 108 से सीएचसी भिकियासैंण पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद उसे काशीपुर भेजा। चौकी प्रभारी संजय जोशी ने कहा कि डूबने से युवक की मौत हुई है।

इंजीनियर बनने की हसरत रह गई अधूरी

भिकियासैंण। इंजीनियर बनने का सपना लेकर विशाल प्रवेश के लिए अपने साथी के साथ द्वाराहाट पहुंचा। दोनों खुश थे कि सोमवार को उनका प्रवेश होगा और वे अपने सपने को साकार करने की राह पर आगे बढ़ेंगे, लेकिन विशाल की यह हसरत अधूरी रह गई। प्रवेश लेने से पहले ही मौत उसे भिकियासैंण खींच ले गई। इस घटना में पिता को अपने बेटे को इंजीनियर देखने का सपना भी पूरी तरह टूट गया।

चार दिन के भीतर रामगंगा में डूबने से दो युवकों की मौत

भिकियासैंण। रामगंगा में डूबने से बीते चार दिनों में दो युवकों की मौत हुई है। बीते बृहस्पतिवार को क्षेत्र में खच्चरों से सामान ढोने का काम करने वाला मुजफ्फरनगर निवासी 19 वर्षीय युवक भी रामगंगा नदी में डूब गया था। लोगों को उसका शव नदी में उतराता दिखा। इस घटना के ठीक चार दिन बाद काशीपुर के युवक की भी डूबने से मौत हो गई।

नदियों में नहाने पर नहीं लगा प्रतिबंध, काल के गाल में समा रहे हैं लोग

अल्मोड़ा जिले में बहने वाली नदियां लोगों की मौत का भी कारण बन रही हैं। आए दिन लोग इनमें डूबकर काल के गाल में समा रहे हैं लेकिन इस पर प्रतिबंध नहीं लग रहा। बीते वर्ष जिला मुख्यालय के नजदीक विश्वनाथ के पास सुयाल नदी में डूबने से भाई-बहन की मौत हो गई थी। शेराघाट में भी एक युवक नदी में डूब गया था। अब रामगंगा नदी में चार दिन के भीतर डूबने से दो युवकों की मौत हुई है। सभी घटनाओं में मृतक नहाने के लिए नदी में उतरे थे। नदियों के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में न तो चेतावनी बोर्ड हैं और न ही इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए गंभीरता दिखाई गई है।

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