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यमुनोत्री हादसा: मलबे में दबे लोगों की स्निफर डॉग से की गई तलाश, चट्टानों पर लटके बोल्डरों को हटाया, तस्वीरें

Yamunotri Landslide Third Day: यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर साफ मौसम में नौकैंची के समीप भूस्खलन में पांच लोग दब गए थे। दो लोग अब भी लापता हैं।

सोमवार को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौकैंची के समीप हुए भूस्खलन में दबी 11 वर्षीय किशोरी और युवक का तीसरे दिन भी कुछ पता नहीं लग पाया। एनडीआरएफ ने तीसरे दिन दो स्निफर डॉग की मदद से उन्हें ढूंढने की कोशिश की, लेकिन मलबे और बोल्डरों के बीच कोई सफलता नहीं मिली।

सोमवार को यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर साफ मौसम में नौकैंची के समीप भूस्खलन में पांच लोग दब गए थे। सूचना मिलने पर पहुंची टीम ने मुंबई निवासी एक व्यक्ति को मलबे के नीचे बाहर निकालकर घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया था।

उसके बाद चलाए गए रेस्क्यू अभियान में बच्ची और एक व्यक्ति का शव मिला। उनकी शिनाख्त मंगलवार को जौनपुर निवासी पिता-पुत्री के रूप में हुई। लेकिन मलबे में दबे अन्य दो लोगों का पता नहीं लग पाया।

एनडीआरएफ के निरीक्षक संजय सिंह ने बताया कि मौके पर बल के एसआई गौरव राठी के नेतृत्व में बुधवार सुबह स्निफर डॉग के साथ खोज अभियान शुरू किया गया। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने संयुक्त रूप से मलबे को खोदकर ढूंढने की कोशिश की। लेकिन उनका पता नहीं लग पाया।

दोपहर तक क्षेत्र में हुई बारिश से भी टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा। उसके बाद दोनों बलों के जवानों ने खड़ी चट्टानों पर लटके हुए बोल्डरों और पेड़ों को हटाया।

उधर, हादसे के बाद मंगलवार सुबह यमुनोत्री धाम की यात्रा को बंद कर दिया गया था। बुधवार को स्थितियों में सुधार आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से दोपहर 12 बजे यात्रा को 40 घंटे बाद शुरू किया गया। वहीं इससे पूर्व कई यात्री शीतकालीन प्रवास खरसाली में यमुना जी के दर्शन कर लौट गए थे।

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