उत्तराखंड

आखिर कब बुझेगी ये आग: धधकते जंगल…वायुसेना कर रही भीमताल झील के पानी का इस्तेमाल, संकट में पर्यटन कारोबार

कुमाऊं में जंगल धधक रहे है। आग की घटनाएं लगातार जारी हैं। वायुसेना का हेलिकॉप्टर शनिवार की सुबह 7 बजे से भीमताल झील से पानी भरकर जंगल में लगी आग बुझाने में लगा हुआ है। लोगों ने कहा कि भीमताल झील का जलस्तर पहले ही बारिश नहीं होने से कम हो रहा है।

कुमाऊं मंडल के जंगलों में लगी आग ने सरकार और वन विभाग की चिंता बढ़ाई हुई है। शनिवार की सुबह नैनीताल से लगे जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग ने वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद लेना शुरू कर दिया है। वायुसेना का हेलिकॉप्टर शनिवार की सुबह 7 बजे से भीमताल झील से पानी भरकर जंगल में लगी आग बुझाने में लगा हुआ है। हेलीकॉप्टर के भीमताल झील में पानी भरकर ले जाने से भीमताल का पर्यटन कारोबार प्रभावित रहा। भीमताल में नौकायन, पैराग्लाइडिंग, कायकिंग, जॉरबिंग का संचालन नहीं हो पाया। इससे कारोबारियों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा है।

भीमताल के नाव संचालक प्रमोद जोशी और सलीम अहमद ने बताया कि हेलिकॉप्टर के झील से पानी उठाने के चलते सुबह से दोपहर तक पर्यटन कारोबार प्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि जंगल में लगी आग को बुझाना जरूरी है लेकिन सरकार को पर्यटन कारोबारियों के कारोबार का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शनिवार को भीमताल पहुंचे सैलानियों को मायूस होकर सातताल और नौकुचियाताल को जाना पड़ा। स्थानीय लोगों ने कहा कि भीमताल झील का जलस्तर पहले ही बारिश नहीं होने से कम हो रहा है ऐसे में झील से पानी भरकर जंगलों में डालने से जलस्तर पर और असर पड़ेगा।

बता दें कि, बीते 24 घंटे में एक-दो नहीं बल्कि कुमाऊं के जंगलों में 26 जगहों पर आग लगी है। प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगने की घटना हुई है, इसमें सर्वाधिक आग लगने की घटना कुमाऊं में 26 स्थानों पर हुई। गढ़वाल मंडल के वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में करीब 34 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।

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