उत्तराखंड

सिलक्यारा टनल: बौखनाग देवता के मंदिर का निर्माण शुरू, मजदूरों के सुरक्षित निकलने का दिया था आशीर्वाद

सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के कारण वहां पर 42 मजदूर अंदर फंस गए थे। उन 42 मजदूरों को निकालने के लिए जिला प्रशासन सहित पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बाद विदेशी कंपनियों की मदद ली गई थी।

सिलक्यारा टनल हादसे के छह माह बाद नवयुगा कंपनी की ओर बाबा बौखनाग देवता के मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है। टनल के बाहर सिलक्यारा मोड़ की ओर यह मंदिर बनाया जा रहा है। हादसे के दौरान रेस्क्यू टीम ने भी बौखनाग देवता की डोली और पश्वा से अशीर्वाद लिया था।

नवंबर 2023 में सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के कारण वहां पर 42 मजदूर अंदर फंस गए थे। उन 42 मजदूरों को निकालने के लिए जिला प्रशासन सहित पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बाद विदेशी कंपनियों की मदद ली गई थी।

मजदूरों के सुरक्षित निकाने का दिया था आशीर्वाद

रेस्क्यू के दौरान जब मजदूरों को बाहर निकालने का कोई भी प्रयास सफल नहीं हो रहा था तो उस समय रेस्क्यू टीम में मौजूद कंपनियों सहित सरकारी मशीनरी और आस्ट्रेलिया से आए विशेषज्ञों ने बाबा बौखनाग की देवडोली और पश्वा से ऑपरेशन को सफल करने और मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए आशीर्वाद लिया था।

बाबा बौखनाग के आशीर्वाद के बाद रेस्क्यू टीम ने 17 दिन बाद टनल के अंदर फंसे 41 मजूदरों को सुरक्षित बाहर निकाला था। बौखनाग देवता के पश्वा ने रेस्क्यू टीम को कहा था कि वह उनके मंदिर का निर्माण टनल के बाहर करें। वहीं हादसे के 6 माह बाद भी जब टनल का कार्य शुरू नहीं हो पाया तो अब नवयुगा कंपनी ने टनल के बाहर बौखनाग देवता का मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है।

नवयुगा कंपनी के पीआरओ जीएल नाथ ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। वहां पर फाउंडेशन के साथ पिलर का कार्य चल रहा है। कंपनी का प्रयास है कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण पूरा हो सके।

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